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वो मशाल जिसने अंधेरे साम्राज्य को चीर डाला

AU
By Admin User
September 13, 2025
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वो मशाल जिसने अंधेरे साम्राज्य को चीर डाला

"वो मशाल जिसने अंधेरे साम्राज्य को चीर डाला"

प्रिय ध्रुव राठी,

कभी-कभी सोचता हूँ, यह दौर कितना कठिन है। यहाँ सच कहना अपराध है, और झूठ बोलना एक काबिलियत। यहाँ सच बोलने वाला अकेला खड़ा रहता है, और झूठ फैलाने वालों की भीड़ जयकार करती है। ऐसे समय में तुम्हें देखता हूँ तो लगता है जैसे कोई साधारण इंसान अचानक से एक प्रतीक बन गया हो–हिम्मत का, सच का, और उम्मीद का।

तुम्हारी यात्रा मुझे किसी उपन्यास की तरह लगती है। मानो दिल्ली की गलियों में, इंटरनेट की भीड़भाड़ वाली गलियों में, एक अकेला लड़का खड़ा है, और सामने पूरी फ़ौज है, बॉट्स, ट्रोल्स, झूठे नैरेटिव्स की सेनाएँ। हर तरफ़ शोर, हर तरफ़ नफरत, हर तरफ़ ताने। लेकिन उस लड़के के पास एक हथियार है–सच्चाई। न तलवार, न ढाल, बस सच। और वह सच इतना मजबूत है कि पूरे आईटी सेल की दीवारें हिलने लगती हैं।

ध्रुव, मुझे पता है तुम्हारी यह लड़ाई सिर्फ़ यूट्यूब पर नहीं थी, यह तुम्हारे भीतर भी लड़ी गई होगी। रात के उन पलों में, जब थकान शरीर से ज़्यादा आत्मा को पकड़ लेती है। जब हर वीडियो के बाद सोचते होगे कि कितने और तीर झेलने पड़ेंगे। जब अपने ही लोग पूछते होंगे, "क्या ज़रूरत है इसमें पड़ने की?" लेकिन तुमने हार नहीं मानी। तुमने तय किया कि जो सच है, वह कहा जाएगा, चाहे उसकी कीमत कितनी भी बड़ी क्यों न हो।

तुम्हारी सबसे बड़ी जीत यह है कि तुमने एक पूरी पीढ़ी का डर तोड़ा है। तुमने हमें सिखाया है कि "डर के आगे बस विज्ञापन नहीं, सच भी होता है।" तुम्हारे शब्दों ने हमें भरोसा दिया कि अगर व्यवस्था झूठ पर टिकी है, तो उसे गिराने के लिए सिर्फ़ एक सच्चा सवाल ही काफी है।

ध्रुव, तुम्हें देखकर मुझे वे सब याद आते हैं जो सत्ता से लड़े–गांधी, भगत सिंह, अंबेडकर। उन्होंने तलवार या सेना से नहीं, बल्कि अपनी सोच और कलम से साम्राज्यों को हिलाया। तुम उसी परंपरा के वारिस हो। फर्क बस इतना है कि तुम्हारे पास अख़बार या पर्चा नहीं, बल्कि यूट्यूब का मंच है। और तुमने दिखा दिया कि अगर इरादा साफ़ हो, तो कोई भी माध्यम हथियार बन सकता है।

आज जब लोग कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है, तो मुझे लगता है– हाँ, खतरे में है, लेकिन लोकतंत्र मरा नहीं है। क्योंकि वह तुम्हारी आवाज़ में अब भी सांस ले रहा है। ध्रुव, अगर कभी तुम थक जाओ, तो यह खत तुम्हें याद दिलाए कि तुम अकेले नहीं हो। तुम्हारे साथ हम सब हैं– वो सब लोग जो सच की तलाश में हैं। तुम हमारे लिए सिर्फ़ एक यूट्यूबर नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक हिम्मत का चेहरा हो।

उम्मीद है ये ख़त तुम तक जरूर पहुंचेगी।

ख़त लिखने वाला लड़का।
चाय इश्क़ और राजनीति। J

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